Desi Maid Sex सीरीज के पहले भाग में पढ़िए की कैसे मैंने जवानी में नया-नया पैर रखा और आस-पास की सभी औरतों को हवस की नजर से देखने लगा। मेरी वासना भड़काई मेरी घर की कामवाली ने। कैसे मैंने उसे पटाया और कैसे मैंने उसकी पहली चुदाई की बाथरूम में!! पढ़िए इस Desi Kamwali Sex स्टोरी में।
मेरा नाम जय है और में पुणे का रहने वाला हूँ। ये बात उन दिनों की है जब मैंने अपनी जवानी में नया-नया कदम रखा था। शरीर में काफी बदलाव आ रहे थे। उनमें से एक था लड़की ओ और औरतों के प्रति बदलता मेरा नजरिया। मैं बचपन से बहुत लाड़ प्यार में बड़ा हुआ था। मेरे मम्मी पापा ने मुझे हर वो चीज लेकर दी थी जिसका मैंने कभी सोचा भी न हो। लेकिन उम्र के साथ इनसान की भूख बदलती है। मुझे मूठ मारने की आदत बहुत पहले से लग चुकी थी। में अश्लील फिल्में भी बहुत देखा करता था और हमेशा सोचता था की कब में किसी के साथ संभोग कर सकूँगा।
कहानी में मोड तब आया जब मेरी नजर हमारे घर की कामवाली शीला दीदी पर पड़ी Desi Kamwali Sex के लिए। वो कई सालों से हमारे यह काम करती थी और साथ में मेरी देखभाल भी किया करती थी। मम्मी पापा अक्सर शीला दीदी के भरोसे मुझे घर में अकेला छोड़ के जाया करते थे। पहले में शीला दीदी के बारे में आपको बता दूँ। उनका रंग बहुत साफ नहीं था। वो साँवले रंग की थी पर उनका जिस्म गली के हर एक लड़के को मूठ मारने पे मजबूर कर देता था। उनकी उम्र 22 साल की थी और वे अविवाहित थी। उनका जिस्म कहने के लिए तो 34-28-36 था। उनका यौवन भी अपने चरम पे था। चुचिया इतनी उभरी हुई क जैसे अभी कुर्ती फाड़ के बाहर या जाए. उसमें वो पतली कमर, जैसे सोने पे सुहागा। उनके ठुमके के चर्चे तो सारे मोहल्ले में होते थे। उसके नीचे वो गदराई गांड जैसे कह रही हो के आओ और मुझसे Desi Kamwali Sex खेलों। जांघें इतनी मादक की मुर्दे का भी लंड एक बार खड़ा हो जाए। जब वो कमर मटका के चलती थी तो बुड्ढों के लंड भी सलामी देने लगते थे।
उनके परिवार वाले गाव में रहते थे। उनके लिए हमारे घर के पिछले हिस्से में एक अलग से कमरा और बाथरूम बना हुआ था। वो वही रहती थी। एक दिन जब में टीवी देख रहा था तब शीला दीदी घर में सफाई कर रही थी। वो पोंछा करते-करते मेरे पास आई और कहने लगी “जय बाबा अपने पैर तो ऊपर करना। मुझे पोंछा मारना है”। उस दिन उन्होंने एक कुर्ती पहनी हुई थी जिसका गला इतना गहरा था की मैं उनके स्तनों की गहराई देख सकु। तब मुझे सफेद रंग की ब्रा दिखी। जिसमें शीला दीदी के बड़े-बड़े खरबूजे कैद थे। उनकी सांवली चुचिया सफेद ब्रा में बहुत आकर्षित लग रही थी। जी तो कर रहा था की उसी वक़्त उनको दबोच के Desi Kamwali Sex की शुरुआत कर लू। तब अचानक उन्होंने मुझे जगाया और कहा “बाबा किस खयालों में खो गए आप?” तब मैंने होश संभाला।
उस दिन से में शीला दीदी के ऊपर नजर रखने लगा। तब मैंने एक बात गौर की के वो हर रात को सोने से पहले नहाने जाती थी और कई बार वो आधे घंटे तक नहाया करती थी। तब मुझे लगा की दाल में जरूर कुछ काला है। उनका स्नानागार घर के पीछे के हिस्से में था। वहाँ पर एक खिड़की भी थी। रात के समय वहाँ बहुत अंधेरा होता है। हर रोज की तरह शीला दीदी अपना काम निपटा कर नहाने जा रही थी। मैं वही झाड़ियों में छुपा हुआ था। मैंने देखा की वो अंदर गई और दरवाजा बंद किया। थोड़ी देर बाद पानी की आवाज आने लगी। इतने में मुझे अंदर से कुछ और भी आवाज आने लगी। ऐसा लगा जैसे वो कुछ बोल रही हो। मैंने स्नानागार की खिड़की में से झाँक के देखा तो शीला दीदी के हाथ में फोन था जिसमें एक अश्लील विडिओ चल रही थी जिसे देख कर वो अपनी चूत मैं उंगली कर रही थी। उन्हें लगा की पानी की आवाज में उन्हें कोई सुन नहीं सकता। तो वो बिना किसी की परवाह किए बिना, मुंह से कामुक आवाज निकाल रही थी। मैं उनके भीगे बदन को देखने में और Desi Kamwali Sex के सपने सजाने में इतना खो गया के गलती से मैंने लकड़ी के ढेर पर पैर रख दिया। बहुत आवाज होने के कारण मैं वहाँ से भाग गया।
उस रात को में बिल्कुल सो नहीं पाया। आँखें बंद हो या खुली मुझे सिर्फ शीला दीदी का भीगा बदन नजर या रहा था। मैंने पहली बार एक रात में 3 बार मूठ मारी लेकिन मेरा लंड शीला दीदी की चुदाई के बिना शांत नहीं होने वाला था। दूसरे दिन मैंने Desi Kamwali Sex के लिए एक प्लान बनाया। उस तरकीब के मुताबिक मैं रात को जल्दी खाना खाके सोने चला गया। मेरा कमरा सीधा घर के पीछे के हिस्से में था जहां से स्नानागार साफ दिखाई देता था। मैं सबके सोने की राह देखने लगा। एकड़ घंटे बाद देखा की शीला दीदी रसोई घर में सफाई कर रही थी और इसके बाद वो नहाने जाने वाली थी। मैं दबे पाव घर के पीछे के हिस्से में गया और स्नानागार का लाइट बल्ब निकाल दिया। स्नानागार में बिल्कुल अंधेरा था और खिड़की से सिर्फ चाँद की हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी। मैं बाथरूम के सबसे अंधेरे वाले हिस्से में जाकर बैठ गया और शीला दीदी की राह देखने लगा। थोड़ी देर बार मुझे दूर किसी के पैरों की आहट सुनाई दी।
मेरा दिल पहली बार Desi Kamwali Sex के खयालों से बहुत जोरों से धड़क रहा था, अगर कोई मेरे बाजू में बैठा होता तो वो भी सुन सकता था। मैंने सोचा की अब जो होगा देख लेंगे। कुछ ही पल में शीला दीदी अंदर या गई। उन्होंने बल्ब की स्विच चालू की पर उजाला होता कहा से। वो सोचने लगी की शायद बल्ब खराब हो गया होगा। तो उन्होंने दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े उतारने लगी। आज पूर्णिमा की रात थी। खिड़की से आती चांद की रोशनी शीला दीदी के बदन को उजागर कर रही थी। मुझे लगा जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूँ। मेरे घर की कामवाली मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और उसे पता भी नहीं था की मैं उसे देख रहा हूँ। अब उन्होंने अपने मोबाइल फोन में अश्लील फिल्म लगा दी और उसे देखने लगी। वो दूसरे हाथ से अपने मम्मे सहला रही थी, जैसे वो उनका नहीं उनके किसी प्रेमी का हाथ हो। वो बड़े प्यार से अपने मम्मो से खेल रही थी। थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ अपनी चुत पर फिराने लगी। अब उनके मुंह से सिसकियाँ निकलना शुरु हो गई थी। पूरा स्नानागार उनकी मादक आवाजों से भर गया।
अपनी काम वासना में खोई शीला दीदी को इस बात की भनक तक नहीं थी के अँधेरे वाले हिस्से में बैठ कर सब देख रहा हूँ। अब मुझे अपने आप पर काबू रखना नामुमकिन हो गया, मैं अचानक पीछे से शीला दीदी को पकड़ लिया। मेरा एक हाथ उनके मुंह पर था की वो कही चिल्ला ना पाए और दूसरा हाथ उनकी चूत पर। जिस बात की उन्हें कल्पना भी नहीं थी वो हो रहा था। उनका पूरा बदन सुख गया और वो अपनी पूरी जान लगा कर मुझसे अलग होना चाहती थी। पर मैंने अपनी पकड़ बनाई रखी और उनके कान में धीरे से कहा “शीला दीदी चिल्लाना मत, मैं हूँ।“
एक पल के लिए उन्हें सुकून मिला की कोई अजनबी नहीं है और दूसरे ही पल वो चौक उठी। उन्होंने सर हिला कर हामी भरी तब मैंने अपना हाथ उनके मुंह पर से हटाया। तब शीला दीदी बोली “बाबा आप यह क्या कर रहे है और मुझे इसे क्यू पकड़ रखा है। छोड़िए, कही मालकिन ने देख लिया तो मुझे काम से निकाल देगी”।
वो जब तक ये सब बोल रही थी तब तक मेरा हाथ उनकी चूत पर था। मुझे उनकी चिकनी चुत की गरमाहट महसूस हो रही थी। वो भी चुदना चाहती थी पर अपने काम से निकले जाने से डरती थी। मैंने उनकी बात को नजर अंदाज करते हुए अपना काम जारी रखा। दूसरे हाथ से मैं उनके मम्मे दबाने लगा। जैसे मैंने मम्मे हाथ में लिए, उनकी आवाज लड़खड़ाने लगी और उनके पैर कांपने लगे। मैंने उनके लंबे बाल कंधे से हटा कर उनकी गर्दन को चूमना शुरू किया और Desi Kamwali Sex के लिए उकसाने लगा।
शीला दीदी को कोई मर्द पहेली बार एक साथ तीन जगहों पर छुह रहा था, नहीं चार। चौथा मेरा लंड उनकी गांड के बीच में घूस रहा था। अब शीला दीदी को भी मज़ा आने लगा तो वो भी मेरा साथ देने लगी। अब मैंने उनको अपनी तरह घूमा लिया और उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। अब क्या बताऊँ कितने मुलायम होंठ थे वो। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी गुलाब की पंखुड़ी को चूम रहा हूँ। उतने वक़्त में मैंने अपने दोनों हाथ उनकी पीठ पे फिरा रहा था। कभी मैं मम्मो को हाथों से दबाता तो कभी उनके निप्पल खिच लेता। अब शीला दीदी भी मदमस्त होने लगी थी। थोड़ा नीचे झुक कर उनके मम्मे को चाटने लगा। उनके निप्पल को कई बार काटा मैंने। तब Desi Kamwali Sex की वासना में आह्ह कर देती थी।
अब तो शीला दीदी ने भी अपनी शर्म को उतार कर मेरा साथ देने लगी। उन्होंने मेरी Tshirt निकाल दी और लोअर भी उतार दिया। अब हम दोनों के जिस्म पर सिर्फ एक एक कपड़ा ही बचा था. तब मैंने अपना हाथ उनकी पेन्टी में डाल दिया तो मैं हैरान रह गया। उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था। वो बिल्कुल चिकनी थी जैसी आज ही उन्होंने साफ़ किया हो। तब मैंने शीला दीदी के सामने देखा तो वो कहने लगी “कल मैंने आपको खिड़की के बाहर से ताक झांक करते देख लिया था। जब से आप जवान हुए है मैंने आप को कई बार अपने कमरे में ब्लू फिल्म देखते और मूठ मारते देखा है। आप का लंड देख कर मेरी भी चुत में आग लग जाती थी लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई। कल जब मैंने आप को खिड़की के बाहर देखा तो समझ गई क आप अब मुझे चोदे बिना नहीं रह पाएंगे।“
ये सब सुन के मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। तब मैंने बिल्कुल देर न करते हुए शीला दीदी को वही नीचे फर्श पर लिटा दिया और अपना कच्छा भी निकाल दी। शीला दीदी मेरा लंड देख कर चौंक सी गई और कहने लगी “बाबा मैं अब तक कुंवारी हूँ। मैंने आज तक अपनी उंगली के अलावा अपनी चुत में ओर कुछ नहीं डाला”। तो मैंने कहा “अरे तुम डरो मत, मैं बिल्कुल आराम से करूंगा और तुम्हें दर्द होगा वैसा कुछ नहीं करूंगा”। तब मैं भी शीला दीदी के ऊपर लेट गया और अपने लंड पर थोड़ी थूक लगा कर उनकी चुत पर लगाया। मैंने एक धक्का मार तो लंड फिसल गया। मैंने दोबारा कोशिश की फिर भी अंदर नहीं गया। शीला दीदी कुंवारी थी तो उनकी चुत बहुत कसी हुई थी। उनकी फाके भी बाहर नहीं थी इतनी। तब शीला दीदी ने अपने पैर थोड़े और फैला दिए और मेरा लंड पकड़ के अपनी चुत के पास ले गई रास्ता दिखने के लिए। लंड को चुत के पास सेट करके उन्होंने मुझे धक्का मारने का इशारा किया।
मैंने एक बार फिर से कोशिश की और जोर से धक्का मार तो मेरा 2 इंच तक का लंड उनकी चुत में चला गया। उसी के साथ शीला दीदी की सील भी टूट गई। ये उनकी ज़िंदगी का पहला अनुभव था। उनकी चुत से खून आने लगा और मेरा पूरा लंड खून से लत-पत हो गया। Desi Kamwali Sex के पहले अनुभव के दर्द के मारे चिल्लाने लगी। मैंने उनके मुंह को दबा दिया ताकि कोई सुन न ले। अब वो रोने लगी और मुझे बिनती करने लगी “बाबा मुझे छोड़ दो मुझे कुछ नहीं करना, बहुत दर्द हो रहा है मुझे”। लेकिन मैंने उनकी बात को अनसुना कर दिया और उनको किस करना शुरू कर दिया। साथ ही साथ उनके मम्मे भी सहलाने लगा। तब तक मेरा लंड उनकी चुत में ही था। थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम होता लगा तो मैंने दूसरा झटका मारा तो लंड 5 इंच तक अंदर चला गया। लेकिन इस बार वो चिल्लाई नहीं बल्कि उन्हें मज़ा आने लगा था। शीला दीदी अपनी गांड उठा-उठा कर लंड अंदर ले रही थी तो मैं समज गया के वो चुदने क लिए बिल्कुल तैयार है।
फिर मैं उठ कर अपने घुटनों के बल बैठ गया। मुझे शीला दीदी की चुत रात के अँधेरे में भी खून से लत पट दिख रही थी। मैंने लंड को चुत पे सेट किया और थोड़ा आगे झुक के शीला दीदी के दोनों मम्मे पकड़ लिए। फिर मैंने एक जोर का धक्का मारा और पूरा 7 इंच का लंड एक बार में उनकी चुत में उतर गया। Desi Kamwali Sex के मजे से आह्ह आह्ह आह्ह की आवाज़ें निकाल रही थी। तब मैंने बिना रुके धक्के लगाना शुरू किया। उनकी चुत में से खून और पानी दोनों निकल रहे थे। जिस वजह से हर धक्के के साथ फ़च.. फ़च.. फ़च.. की आवाज आ रही थी। पूरा स्नानागार फ़च फ़च की आवाजों से गूंज उठा। उस वक़्त हमें किसी के सुन लेने का या देख लेने का दर नहीं था। हम सिर्फ संभोग का आनंद लेना चाहते थे। खिड़की से आती चाँद की रोशनी शीला दीदी के अंग-अंग को उजागर कर रही थी। उनके बाल जमीन पर बिखरे पड़े थे। उनकी आँखें बंध थी और मुंह से मादक आवाज़ें आ रही थी। अपने दोनों हाथों से अपने पेरो को हवा में उठा रखा था। उनके मम्मे मेरी गिरफ्त में थे और गांड हर झटके के साथ नाच रही थी।
ब्लू फिल्म देखने के कारण मुझे पता था की औरत को सबसे ज्यादा कहा मज़ा आता है। मैं हर एक शॉट ऐसे मारता की मेरा लंड का आगे का हिस्सा अंदर जाके शीला दीदी की बच्चे दानी के मुंह से टकराए। जब औरत को कोई इतनी गहराई में चोदता है तब उन्हें चरम सुख मिलता है। इसकी वजह से वो ज्यादा वक़्त तक टिक नहीं पाती और झड़ कर निढाल हो जाती है। हम चुदाई में इतने खो गए क वक़्त क कोई हिसाब ही नहीं रहा। कुछ वक़्त बाद शीला दीदी की साँसे बहुत तेज हो गई और उनके टांगे काँपने लगी। उनके हाथ मेरे पीठ पर थे और अपने नाखून मेरी पीठ में गंडा दिए। मैं समझ गया की वो चरम सुख के बहुत करीब है। मैंने Desi Kamwali Sex में अपने धक्कों की गति बढ़ा दी। उस वक़्त मैं इतना जंगली हो गया की किसी जानवर की तरह उन्हें बेरहमी चोदने लगा। शीला दीदी दर्द से चिल्ला उठी तो मैंने उनका गला पकड़ किया और धक्के मारता रहा। दो मिनट बाद वो ज़ोरों से काँपते हुए झड़ गई।
उनकी चुत में से खून और चरम सुख का पानी साथ मिलकर बहने लगा। कुछ पल बाद मैं भी दो चार धक्के मार कर झड़ गया। पूरी ज़िंदगी में इतना नहीं झड़ा होगा जितना उस रात। मुझे लगा मेरे शरीर की सारी ऊर्जा मेरे लंड से बाहर निकाल गई। मैं पसीने से भीगा हुआ शीला दीदी के ऊपर गिर पड़ा। हम दोनों शारीरिक चरम सुख पा कर इतना निढाल हो चुके थे की कब वैसे ही सो गए हमें पता ही नहीं चला। कुछ घंटों बाद जब मेरी आँख खुली तो बाहर थोड़ा उजाला होना शुरू हो गया था। हम कितने घंटे वैसे ही सो गए हमें पता ही नहीं चला। मैंने शीला दीदी को जगाया। वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। उनकी चुत और मेरा लंड खून से लत-पत थे और खून सुख गया था। मैंने उन्हें सहारा दिया और एक दूसरे के खून, वीर्य और चरम सुख के पानी से लिपटे शरीर साफ़ किए। हम फिर अपने-अपने कमरे में जाकर फिर से सो गए।
मैं इस Desi Kamwali Sex से बहुत थक चुका था। मेरे सपनों में भी शीला दीदी नंगी आ कर घूम रही थी। मुझे उनकी और चुदाई करनी थी लेकिन कैसे? क्या वो फिर से मेरा साथ देगी? कैसी की मैंने उनकी चुदाई? जानने के लिए पढ़ते रहिए Desi Maid Sex सीरीज।
Written & Edited By – Jay Patel
First Publish By – Free Hindi Sex Stories
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