Desi Maid Sex सीरीज के पहले भाग कामवाली ने मुझे मर्द बनाया – 1 में आप ने पढ़ा की मैंने अपने घर में काम करने वाली कामवाली शीला दीदी को बाथरूम में मोबाइल में पॉर्न विडिओ देख कर अपनी चुत में उंगली करते हुए देखा| एक दिन चुपके से मैं उनके बाथरूम के अंदर घुस कर बैठ गया ओर उन्हें पटा कर ज़िंदगी का सबसे पहला Desi Kamwali Sex शीला दीदी के साथ कर लिया| इस बार पढ़िए की कैसे मैंने फिर से मेरी कामवाली को किचन में दबोचा और अपने लंड की भूख शांत की।
पिछली रात के धुआदार सेक्स सेशन के बाद सुबह मेरी आँख ही नहीं खुली। मेरे लिए सब कुछ मानो जैसे एक सपना ही हो। कुछ दिन पहले तक जो लड़की मेरे घर में काम करने वाली एक साधारण कामवाली बाई थी। उस कुंवारी लड़की के साथ मैंने कल अपने ही घर में ही Desi Kamwali Sex किया। साथ ही अपना और उसका कौमार्य पन तोड़ा। इस बात की मुझे ज्यादा खुशी थी। जब मेरी नींद खुली और मैंने घड़ी की ओर देखा तो दोपहर के 12 बज रहे थे। नीचे से मम्मी की आवाज आ रही थी के “ये लड़का वेकेशन में बहुत आलसी हो गया है”। वो मेरी बात कर रही थी किसी से। कह रही थी के “ये लड़का बस रात को देर तक जाग के पता नहीं क्या करता रहता है और सुबह को देर से उठता है”।
जब में फ्रेश होकर नीचे उतरा तो देखा मम्मी ये सारी बाते शीला दीदी से ही कर रही थी। मैं मन ही मन खुश हो कर सोच रहा थी की शीला दीदी तो जानती ही है की मैं रात रात भर जाग कर क्या काम करता हूँ। मैं शीला दीदी के आँखों में देख कर Desi Kamwali Sex के भाव देखना चाहता था लेकिन पता नहीं क्यू वो मुझसे चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही हो ऐसा लगा मुझे। फिर मैंने सोचा की शायद कल रात की वजह से वो मुझसे शर्मा रही है। वैसे भी आज रविवार का दिन था। मम्मी पापा दोनों आज घर पर ही थे और कुछ मेहमान भी आने वाले थे तो उसी में पूरा दिन गुजर जाने वाला था। पूरे दिन में 1 2 बार मैं शीला दीदी के साथ अकेला था लेकिन उन्होंने मेरी तरफ कोई पहल नहीं की। बल्कि हर रोज जितना बात करती थी उतना भी बात नहीं कर रही थी। अब मेरे मन में सवाल उठ रहे थे की कल रात को कुछ गलत तो नहीं कर दिया ना मैंने? ऐसा तो नहीं की मैंने जोर जबरदस्ती कर दी हो शीला दीदी के साथ। मालिक नौकर का लिहाज रख के वो कुछ बोल न पाई हो और अब उन्हें पछतावा हो रहा हो या मुझपर गुस्सा आ रहा हो?
यही सब खयालों में दिन निकल गया। जब रात हुई तो मुझे कल रात के खयाल आने लगे। मेरे लंड में तनाव आने लगा। बेचैनी में मैं घड़ी की ओर देखने लगा की कब नीचे सब सो जाए। ताकि मैं शीला दीदी के पास जा कर Desi Kamwali Sex का मजा ले सकूँ कल की तरह। लेकिन आश्चर्य की बात ये थी हर रोज की तरह आज शीला दीदी की बाथरूम की लाइफ चालू नहीं थी। मैंने सोचा की शायद अभी भी नीचे काम कर रही होगी। मन तो कर रहा थी की अभी नीचे जाकर उन्हें पीछे से दबोच कर, वही प्लेटफॉर्म पर झुका कर उनकी चुदाई कर दूँ। वो कहते है न की जब आदमी लंड से सोचने लगता है तो दिमाग से सोचना बंध कर देता है। लेकिन मैंने अपने ऊपर काबू रखा और सबके सोने की राह देखने लगा। जब नीचे सारी लाइट बंध हो गई तो में दबे पाव पीछे गार्डन के रास्ते शीला दीदी के आउट हाउस के पास चला गया। मैंने बाथरूम की खिड़की में से झाँक के देखा की कही शीला दीदी मेरे कल के प्लान को फॉलो तो नहीं कर रही। लेकिन मुझे बाथरूम में कोई नहीं दिखा। मैंने जैसे कमरे का दरवाजा खोल ना चाहा, तो नहीं खुला। मैंने फिर से धक्का दिया लेकिन नहीं खुला। दरवाजा अंदर से बंध था। मैंने धीरे से दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कुछ आवाज नहीं आई। मेरे सुबह के सवाल फिर से दिमाग में घूमने लगे की कल के बाद शीला दीदी का बर्ताव क्यू बदल गया मेरे लिए? मेरी तरह वो भी कुंवारी थी। कल उन्हें भी मज़ा आया होगा, तो आज क्या हो गया?
मैं अपना फोन रूम में ही भूल गया था तो शीला दीदी को कॉल भी नहीं कर सकता था। फिर मैं मायूस हो कर वापिस अपने कमरे में आ गया। लेटे लेटे यह सब सवाल सोचते सोचते मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला। मेरा टन के खड़ा लंड भी शांत हो कर बैठ गया। रात को भी नींद कुछ खास आई नहीं। सुबह हुई और मैंने मोबाइल देखा, आज सोमवार था। सब लोग अपने अपने काम पे जाने के लिए निकाल चुके थे। मैं उठ कर सीधा किचन में भागा, देखने के लिए की शीला दीदी कर क्या रही है। वो मेरे लिए ही नाश्ता बना रही थी। मुझे देख के वो तुरंत बोली की “बाबा आप उठ गए। मैं अभी आप के लिए नाश्ता लगाती हूँ”। मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खिचा और कहा “क्या हो गया है आप को कल से? कल सुबह से न ठीक से बात भी की है आपने मेरे साथ। कल रात को कहा थी आप?
वो मेरे मन की बेचैनी को समझ चुकी थी। उन्होंने अपना हाथ छुड़ाते हुए मुझे बड़े प्यार से कहा “अरे बाबा, ज़िंदगी में पहली बार मैंने सेक्स किया था किसी के साथ। वो भी इतना दम-दार। थोड़ी तो शर्म आएगी की नहीं”। में बीच में ही बोल पड़ा “लेकिन कल रात को कहा थी आप? मैंने कितनी देर दरवाजा खटखटाया”। शीला दीदी ने कहा “आपने उस रात को मेरी चुत का जो बाजा बजाया था ना, उसी का नतीजा है”। मैंने कहा “मतलब?” तो वो मेरे थोड़े और करीब आ कर बोली “बाबा जब औरत पहली बार सेक्स करती है तो उसकी चुत में एक दीवार होती है जो टूटती है। खून उसी की वजह से आता है। मेरी चुत को सिर्फ मेरी उंगली की आदत थी। उस बेचारी चुत में आपने कल अपना 7 इंच का लंड डाल दिया और वो भी किसी जानवर की तरह मुझे चोद दिया। तो शरीर जवाब तो दे ही देगा। फिर सुबह में मालकिन को बोल भी नहीं सकती थी के मालकिन आज काम नहीं होगा। कल रात बाबा ने मेरी जम के चुदाई की है तो में थक गई हूँ”।
मैंने फिर शीला दीदी को अपनी बाँहों में लेकर हस्ते हुए कहा “तो मुझे कह देती शीला दीदी। मम्मी से में बात कर लेता, की शीला दीदी ने मेरी कल रात बहुत सेवा की है। आज उन्हें छुट्टी दे दीजिए”। यह कह कर मैं शिला दीदी की ओर झुका, उनके होंठों को चूमने के लिए। लेकिन वो मेरी बाँहों से छूट कर, शर्मा के भागने लगी। लेकिन मैंने भी फुर्ती दिखाते हुए उन्हें वही किचन के दरवाजे के पास ही पकड़ लिया। मैं उन्हें धक्का दे कर किचन प्लेटफॉर्म के पास ले आया। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे बस। क्योंकि हम जानते थे की इस टाइम घर में हमारे अलावा कोई नहीं है और कोई शाम तक आने वाला भी नहीं है। तो हम बेफिक्र थे। मैंने शीला दीदी को उचक के प्लेटफॉर्म के ऊपर ही बिठा दिया। अब हमारा चेहरा समान उँचाई पर था। मैं पहल करूँ उसके पहले उन्होंने मेरे होंठों के ऊपर हमला कर दिया। मेरी Desi Kamwali Sex के लिए उतावली हो रही थी।
शीला दीदी मुझे ऐसे चूम रही थी मानो कोई बिछड़े हुए आशिक सालों बाद मिल कर एक दूसरे के होंठों चूम रहे हो। मैंने भी उनका साथ दिया। कल रात शीला दीदी को चोदने के चक्कर में यह ध्यान ही नहीं दिया की उनके होंठ कितने मुलायम और गुलाबी है। गुलाबी इतने मानो जैसे उन्होंने लिप स्टिक की हो। जब तक हमारे होंठ मिले हुए थे मैंने अपने हाथों को काम पे लगा दिया। एक हाथ शीला दीदी के गले के ऊपर था। मुझे लड़की का गला पकड़ के किस करना बहुत अच्छा लगता है। ऐसे मुझे लगता है की वो मेरे कंट्रोल में है। शीला दीदी जैसी लड़की जिसे असल ज़िंदगी में और बिस्तर में किसी का हुक्म मानने में मज़ा आता हो, उनके साथ ये और भी ज्यादा आनंद देता है। अगर वो छूटना भी चाहे तो भी उन्हें मेरी इजाजत लेनी पड़ेगी। औरत या लड़की को ऐसे डोमिनेट करने में कुछ अलग ही बात है। दूसरे हाथ से मैंने शीला दीदी के बाल खोल दिए। वो घर में काम करते टाइम अपने बाल बंध के ही रखती थी। लेकिन बाल औरत की सुंदरता में एक महत्वपूर्ण भाग रखते है। पुराने जमाने में जब औरतों के चेहरे ढके होते थे तो उनके बालों की लंबाई से ही उनकी सुंदरता को आक जाता था। शीला दीदी गाव की रहने वाली थी। उनके यहाँ लड़कियों के बाल बहुत सुंदर होते है। वो अलग बात ही की वो शहर की लड़कियों की तरह पार्लर नहीं जा सकती, महेंगे प्रोडक्ट्स यूज नहीं कर सकती। पर फिर भी वो बहुत अच्छे लगते है।
शीला दीदी के बाल खुल जाने के बाद मैं सीधा उनके गले के ऊपर टूट पड़ा। आज पता नहीं क्यू शीला दीदी में से अलग सी सुगंध या रही थी। वो मादक सुगंध मुझे Desi Kamwali Sex के लिए और भी उकसा रही थी। मैं उनके गले को चूमने और चाटने लगा। वो तुरंत मादक सिसकियाँ निकालने लगी। उन्होंने मुझे अपने करीब खिचा। अपना एक हाथ मेरी पीठ पे और दूसरा हाथ मेरे सिर पर रख दिया। वो मेरे बालों से खेलने लगी और पैर दोनों मेरी कमर की इर्दगिर्द बांध लिए। जहां से मैं कही भाग ना सकूँ। तब मुझे लगा की मैं सोचता था उससे ज्यादा लड़कियों को गले पे चूमने से उत्तेजना होती है। मैंने फिर दोनों हाथों से उनके बड़े-बड़े मम्मो पर टूट पड़ा। उन्होंने आज काले रंग की कुर्ती पहने हुई थी। मैंने बिना कुर्ती निकले नीचे से उनके स्तनों को इस प्रकार उचक लिया की उनकी क्लीवेज उभर कर बाहर या गई। मैं उसी में मुंह डाल कर अपनी जीभ से उन्हें चाटने लगा। शीला दीदी किसी बिन पानी की मछली की तरह छत-पटाने लगी। लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने अपना काम जारी रखा। मेरी हरकतों से परेशान हो कर शीला दीदी ने मुझे अपने गिरफ्त में से आजाद किया ओर खुद अपनी कुर्ती उतार दी। उस टाइम उनके चेहरे पर बड़े कामुक भाव थे। वो कुर्ती निकालने के लिए मुझसे 2 मिनिट दूर रहना भी उनसे सहा नहीं जा रहा था। कुर्ती निकाल कर उन्होंने तुरंत मुझे अपनी ओर खिच लिया और मेरे सरको पकड़ कर अपने स्तनों की ओर धकेल दिया। ऐसा लग रहा थी की वो चाह रही है की मैं उनके स्तनों को निचोड़ कर पी जाऊँ। मैंने भी वैसा ही किया। मैंने बिना ब्रा खोले उनके स्तन बाहर निकाल लिए और एक-एक करके उन्हें चूसने लगा।
औरत के स्तन बहुत संवेदनशील होते है। सिर्फ उनके निप्पल ही नहीं पर पूरे के पूरे स्तन पर छूने से उनके शरीर में एक अलग सी लहर दौड़ जाती है। मैंने पहले दायें स्तन के निप्पल को मुंह में लिया और चूसे ने लगा। शीला दीदी कामुक आवाजें निकाल ने लगी। शीला दीदी “आह.. आह…. जय बाबा… अमहह.. और जोर से चुसिए”। शीला दीदी की कामुक आवाज सुन कर मुझे और जोश आने लगा। फिर में बाए निप्पल पर टूट पड़ा। उनकी सिसकियाँ और तेज हो गई। वो मेरे बालों को पकड़ कर खिचने लगी। मेरा सर और भी उनके स्तनों पर दबाने लगी। जैसे कह रही हो की इन्हें कच्चा खा जाओ। फिर मैंने धीरे धीरे निप्पल के आस पास के हिस्से को किस करना और चूसना शुरू किया। एक स्तन को किस करता तो दूसरे स्तन को हाथ से दबाने लगता। उन्हें दोगुना मज़ा आने लगा। एक दो बार तो मैंने शरारत में उनके स्तन पर काट भी लिया। वो दर्द और कामुकता से सिहर जाती। शीला दीदी का रंग तो बहुत साफ़ नहीं था इसी लिए उनके स्तन भी थोड़े साँवले ही थे। लेकिन उनके निप्पल इतने काले नहीं थे। वो थोड़े भूख रे गुलाबी जैसे थे। उनका गहराव भी सामान्य ही था। उनकी उम्र भी कम थी तो निप्पल ज्यादा बाहर भी नहीं निकले थे। ऐसा लग रहा था जैसे बड़े खरबूजे पर एक छोटी सी किशमिश रखी हो। स्तनों का या निप्पल का कोई स्वाद नहीं होता। लेकिन उन्हें अपने होंठों से लगाने की अनुभूति बहुत अलग होती है। ऐसा लगता है जैसे अमृत पीने का पात्र होंठों से लगा लिया हो।
उनके स्तनों को पीते पीते मेरा एक हाथ उनके लहेंगे के नाड़ा खोल के अंदर जाने लगा। वही शीला दीदी ने मुझे रोक दिया। मैंने आश्चर्य से उनकी ओर देखा की क्या हुआ? तो शीला दीदी बोल पड़ी “बाबा आपने जो कल मेरी चुत का बाजा बजाय है वो अभी तक ठीक नहीं हुआ। मेरी चुत सूज गई है”। तो मैंने कहा “क्या कुछ भी बोलती हो आप भी। सेक्स करने से चुत कभी सुजती थोड़ी है”। तो शीला दीदी ने मुझे थोड़ा पीछे किया और अपना लहँगा और पेन्टी उतार कर मेरे सामने खड़ी हो गई। मैं तो सोच में पर गया की शीला दीदी करना क्या चाहती है। फिर वो बोल पड़ी “आप खुद देख लीजिए की क्या हालत की है कल आपने मेरी”। मैंने झुक के देखा तो वो सच कह रही थी। चुत पूरी सूजी हुई लग रही थी मानो जैसे किसी ने उस में हवा भर दी हो और लाल भी लग रही थी। फिर मैंने अपनी शॉट्स ओर कच्छा नीचे उतार दीया। मेरा खड़ा लंड शीला दीदी को दिखाते हुए कहा “आप की सूजन तो ठीक है पर मेरी इस सूजन का क्या करेंगे?” तो वो हंस पड़ी और मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई। मैं कुछ सोच पाता उसके पहले उन्होंने मेरा लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं था। मेरे कदम लड़खड़ा गए। लेकिन शीला दीदी ने मेरा लंड चूसना जारी रखा।
शीला दीदी को इस अवस्था में देख के कोई कह नहीं सकता था की इस लड़की ने 2 दिन पहले पहेली बार सेक्स किया है। लग रहा था जैसे वो सेक्स के खेल में माहिर खिलाड़ी हो। वो 5 इंच तक मेरा लंड मुंह में लेकर चूस रही थी। मुझे उनके मुंह की गरमाहट और उनके मुंह से निकलने वाली लार का एहसास हो रहा था। Desi Kamwali Sex के नशे में मेरा लंड इतनी मस्ती से चूस रही थी के जैसे लड़कियाँ बर्फ का गोला चूस-चूस के खाती है। उनके मुंह से सारा रस बह कर गले से हो कर उनके स्तनों तक पहुँच गया था, जिसने उनकी पूरी क्लीवेज गीली कर दी। मुझे जीवन में पहली बार blowjob मिल रहा था। मैं कैसे टिक पाता। कुछ ही मिनटों में झड़ने की कगार पर आ गया। मैंने शीला दीदी के खुले बाल पकड़े और लगा उनके मुंह को चोदने। मैंने अपना जानवर पना मुंह चुदाई में भी दिखा दिया। चरम सुख के करीब होने की वजह से मैंने अपनी आंखें बंध कर ली और शीला दीदी के सर को पकड़ कर बस धक्के मारे जा रहा था। मैंने यह भी नहीं देखा की शीला दीदी का क्या हाल है। मैंने आखिरी धक्का मारा और जोर से शीला दीदी का सर अपने लंड पर दबा दिया। इस बार पूरा 7 इंच का लंड शीला दीदी के गले के अंदर चल गया। शीला दीदी खाँसना चाह रही थी लेकिन मेरे लंड की वजह से खास नहीं सकती थी। ना ही उन्हें सास आ रही थी क्योंकि उनके गले में लंड फसा हुआ था। सारा खून उनके चेहरे पर उतर आया था। वो एकदम लाल हो गई थी जैसे किसी ने उनका गल दबा दिया हो।
मैंने इन सब की फिकर न करते हुए अपना आखिरी बूंद तक का वीर्य उनके गले में उतार दिया। झड़ने के बाद मानो जैसे मेरे पेरो में जान ही नहीं रही। मैं एक कदम पीछे हट कर जमीन पर बैठ गया। जैसे मेरा लंड शीला दीदी के मुंह से बाहर आया वो किसी कुत्ते की तरह खाँसती और हाफ़ती हुई जमीन पर बैठी रही। 2 मिनिट बाद जब मुझे होश आया तो मैंने शीला दीदी को देखा तो वो अभी भी मुश्किल से सास ले पा रही थी और खास रही थी। मैंने उन्हें जा कर उठाया और उनकी पीठ थप थपाई। उन्हें थोड़ा पानी पिलाया तब जा कर उनकी जान में जान आई। शीला दीदी बोल पड़ी “बाबा आपको क्या हो जाता है जब आप का माल निकालने वाला हो तब। ऐसे तो कोई जानवर भी नहीं चोदता जैसे आप चोदते हो”। मैंने आँख मार कर कहा “आप कितने जानवरों से चुदवा चुकी हो अब तक?” फिर हम दोनों हंस पड़े। जब हमने घड़ी की और देखा तो दोपहर के 12 बज चुके थे। फिर शीला दीदी अपने काम में लग गई और में अपने दोस्तों से मिलने बाहर चला गया।
लेकिन मेरी अंदर की चुदाई की आग तो अभी भी जल रही थी। मुंह चोदना और चुत चोदने में बहुत अंतर होता है। वो आग तो सिर्फ Desi Kamwali Sex में चुत चोदने के बाद ही शांत होगी। लेकिन उसके लिए शीला दीदी की चुत की सूजन ठीक होना जरूरी है। जानिए कैसे उनकी चुत की सूजन ठीक होने के बाद मैंने उन्हें चोदा, कहा चोदा, कितनी बार चोदा। और कही उनकी गांड तो नहीं मारी? यह सब पता चलेगा Desi Maid Sex के अगले भागों में।
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